॥आचार्य देवो भवः॥
This post is dedicated to our honorable Maharishi, Rishi, Muni, Seers, Sants and Gurus.
- यह महर्षी परशुराम जी के गुरु थे। इन्हे भारत का कृषि राष्ट्र पिता भी माना जाता है। --परम पूज्यनीय महर्षी कश्यप जी
- He is Guru of Respectable Maharishi Parshuraam ji. He is also known as "Father of Indian Soil". --Respectable Maharishi Kashyap ji
- हम इनके स्मरण में गुरु पूर्णिमा मानते हैं। इन्होने एक विश्व प्रसिद्ध भारतीय ग्रन्थ शास्त्र की रचना की थी। --परम पूज्यनीय महर्षी वेदव्यास जी
- In his remembrance we celebrate "Guru Purnima". He is composer of world famous Indian Granth Shastr (Scripture). --Respectable Maharishi Ved Vyas ji
- इन्हे भारत का तत्त्व ज्ञान राष्ट्र पिता भी माना जाता है। भगवान शिव जी ने इन्हे "योगीश्वर" की उपाधि दी है। इन्होने "अहम् ब्रह्मास्मि" के ज्ञान की व्याख्या की है। --पूज्यनीय याज्ञवल्क्य जी
- He is known as "Father of Indian Philosophy". Bhagwan (God) Shiv ji gave him the upadhi (Honor/Title) as "Yogishwar". He explained the philosophy of "Aham Brahmasmi". --Respectable Yaagyavalkya ji
- यह भगवान श्री राम जी के गुरु हैं। इनके पास एक "कामधेनु" नाम की गाय थी। --परम पूज्यनीय महर्षि वशिष्ठ जी
- He is Guru of Bhagwan (God) Shri Ram ji. He had a Cow named "Kaamdhenu". --Respectable Maharishi Vashishth ji
- यह बाल भगवान श्री राम जी और लक्ष्मण जी के शिक्षक थे। इन्होने उनको देवास्त्र की विद्या दी थी। --परम पूज्यनीय महर्षी विश्वामित्र जी
- He was the preceptor of young Bhagwan (God) Shri Ram ji and Lakshman ji. He gave them the knowledge of Devaastr (Godly Weapons). --Respectable Maharishi Vishwamitr ji
- यह भगवान श्री कृष्ण जी के गुरु हैं। --परम पूज्यनीय संदीपनी जी
- He is Guru of Bhagwan (God) Shri Krishn ji. --Respectable Sandipni ji
- यह सिखों के दस में से पहले गुरु हैं। इन्होने कहा था की "कोई हिंदू नहीं है कोई मुस्लमान नहीं है"। इसका अर्थात् है की "कोई भी जीवित प्राणी अपने पंथ से बंधा हुआ नहीं है क्यों की भगवान जी हर किसी में है चाहे वह इंसान हो या जानवर"।
- He is first of the ten Sikh Gurus. He said that "There is no Hindu, there is no Muslim". The true meaning of this declaration was that "human being can not be bound by his religion because the Almighty is in everywhere whether it is the human being or the beast". --Respectable Nanak ji
- यह सिखों के दस में से पहले गुरु हैं। इन्होने कहा था की "कोई हिंदू नहीं है कोई मुस्लमान नहीं है"। इसका अर्थात् है की "कोई भी जीवित प्राणी अपने पंथ से बंधा हुआ नहीं है क्यों की भगवान जी हर किसी में है चाहे वह इंसान हो या जानवर"।
- यह "अद्वैत वेदांत तत्व ज्ञान" के संस्थापक हैं। "भज गोविन्दम भज गोविन्दम" इनकी अनेक रचनाओं में से एक है। --परम पूज्यनीय आदि शंकराचार्य जी
- He is the founder of "Advait Vedant Philosophy". "Bhaj Govindam Bhaj Govindam" is one of his many compositions. --Respectable Revered His Holiness Adi Shankracharya ji
- यह सिखों के दस में से आखरी गुरु हैं। इन्हे खालसा बिरादरी बनाने का और ग्रन्थ साहिब पुरी करने का भी श्रेह जाता है। --आदर्णीय गोबिंद सिंह जी
- He is the last of the ten Sikh Gurus. He is credited with formation of Khalsa fraternity and completion of Granth Sahib. --Respectable Gobind Singh ji
- यह वैष्णव सम्प्रदाय के प्रसिद्ध गुरु हैं। इन होने "मधुराष्टकं" स्तोत्र की रचना की और हमें "मधुरा भक्ति" समझाई। --आदर्णीय वल्लभाचार्य महाप्रभु जी
- He is a very famous Guru of Vaishnav sect. He has created the "Madhurashtakam" stotras and explained Madhura-Bhakti to us. --Respectable Vallabhacharya Mahaprabhu ji
- इनको छत्रपति शिवाजी महाराज के व्यक्तित्व को बनाने का श्रेह जाता है और इन होने "मारुती स्तोत्र" नाम के ग्रन्थ की भी रचना की है। --आदर्णीय रामदास जी
- He is credited with shaping the personality of Chatrapati Shivaji Maharaaj and has composed a granth called "Maruti Stotra". --Respectable Ramdas ji
- यह संत कोल्कता से थे जो मातारानी काली जी के उत्कट भक्त थे। हम सब इनके विश्व प्रसिद्ध शिष्य के बारे में जानते हैं जिन होने १८९३ में चिकागो नगर में हुए "विश्व पंथ समेलन" में सनातन वैदिक धर्म (हिंदू) का प्रतिनिधित्व किया था। --आदर्णीय रामकृष्ण परमहंस जी
- He was a saint from Kolkata (Calcutta) who was an ardent devotee of Goddess Matarani Kali. All of us know about his very famous disciple who represented Sanatan Vedic Dharm (misnomer: Hinduism) in "World Religion's Conference" in Chicago in 1893. --Respectable RamKrishn Paramhans ji
- यह संत रोहा से थे। इनका जिवानुदेश्य "ऋषि परम्परा" और "मनुष्य गौरव" स्थापित करना था। --आदर्णीय पांडुरंग शास्त्री अठावले जी 'दादाजी'
- He is known as the saint from Roha. His aim in life was to establish "Rushi Parampara" and "Human Dignity". --Respectable Pandurang Shastri Athavale ji aka 'Dadaji'
- यह प्रसिद्ध भारतीय तत्वज्ञानी थे जो भारत के उप-राष्ट्रपति भी थे। इनकी याद में आज भी हर वर्ष ५ सितम्बर को भारत में अध्यापक दिवस मनाया जाता है। --डा सर्वेपल्ली राधाकृष्णन
- He is famous Indian Philosopher who was also Vice-President of India. "Teacher's Day" is celebrated in his remembrance on September 5 every year in India. --Dr. Sarvepalli Radhakrishnan
1 comment:
What is S Radhakrishnan's claim to Guruhood ?
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